Cloudburst Malana Dam Collapsed :
हिमाचल प्रदेश में इस साल फिर से बारिश का तांडव देखने को मिल रहा है, बुधवार से हो रही बारिश से प्रदेश के कई जिलों में भारी नुकसान पहुंचा है. बारिश के चलते नदी और नाले उफान पर है, प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने की घटना सामने आई है. हिमाचल में क्लाउडबर्स्ट हुआ है, शिमला में क्लाउडबर्स्ट हुआ है, ओर कुल्लू में भी घटना सामने आई है. शिमला के रामपुर में बादल फटने से 32 लोग लापता हो गए हैं, वही कुल्लू जिले की मणिकरण में मलाणा गांव में बना पावर प्रोजेक्ट का डैम अचानक से देर रात टूट गया है. डैम से घाटी में बाढ़ आ गई है, और हांहाकर मच गया है. व्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से मंडी के पंचवात्रा मंदिर तक पानी पहुंच गया है. वही कुल्लू में ताज के पत्तों की तरह एक बिल्डिंग नीचे गिर गई.
Cloudburst Malana Dam Collapsed के चलते आधी रात को हुई बारिश की वजह से व्यास नदी भी रूद्र रूप में आ गई है. और यहां पर भी मनाली शहर के पास व्यास नदी ने अपना रास्ता बदला है, और हाईवे पर बहने लगी है. मनाली चंडीगढ़ नेशनल हाईवे कई जगह पर लैंडस्लाइड के चलते रास्ते बंद है. हिमाचल में मानसून की बारिश से कैद आया है.
हिमाचल के रामपुर में Cloudburst Malana Dam Collapsed बादल फटने की वजह से भारी तबाही मची हुई है. इस दौरान कई घरों का नामोनिशान मिट चुका है. वही 30 से ज्यादा लोग अभी भी लापता है, वही इन मुश्किल हालातो में NDRF ने 1 साल की बच्ची का रेस्क्यू किया है. इसके साथ कई अन्य फंसे हुए लोगों को भी रेस्क्यू टीम सुरक्षित स्थान परपहुंचा रही है, ओर भी कही लोग फसे हुए है, रेस्क़ु टीम की तरफ से सर्च ऑपरेशन जारी है, JCB के साथ PWD ऑफिसर भी मौजूद है. ओर न जाने कितने लोग मलबे के निचे फसे हुए हे. उन्हें निकलने के लिए सरकार से जो भी प्रयास हो सकता हे वो कर रही है.
Cloudburst Malana Dam Collapsed: क्या होता है बादल का फटना ? और क्यों होता है यह पहाड़ी इलाकों में?
दरअसल बादल कभी भी फटता नहीं है, बादल में कोई छेद नहीं होता, जिससे सारा पानी एक साथ निकल जाता हो. आम भाषा में देखे तो बादल फटने का मतलब किसी एक जगह कम समय में बहुत ज्यादा बारिश हो जाना किसी को बादल फटना कहते हैं. IMD की माने तो 10 वर्ग KM में छोटे एरिया में 1 घंटे के अंदर ही 10 सेंटीमीटर से ज्यादाबारिश होना, बादल फटने की घटना कहलाती है. लेकिन इससे पर्यावरणीय घटना के तौर पर देखें तो बादल फटना पहाड़ी इलाकों की प्राकृतिक आपदा है. दरअसल पहाड़ी इलाकों में बदल एक जगह से दूसरी जगह जाने में दिक्कत होती है, क्योंकि वह हवा बहुत कम चलती है, पहाड़ों के बीच बादल कई बार फस जाते हैं. अधिक नमी वाला बादल पहाड़ों में के बीच फंस जाए तो ऐसे स्थिति में नीचे से आने वाली गर्म हवा बादल से टकरा गई तो बदल के अंदर मौजूद छोटी-छोटी बूंदो को नीचे गिरने से रुकती है. मतलब एक तरह से बारिश को यहां गिरने से रुकती है. जिससे छोटी-छोटी बुँदे एक साथ आकर बड़ी होने लगती है. हवा बादल से टकराती है तो यह गर्म हवा बड़ी बूंद को ऊपर धकेलती रहती है. लगातार हवाओंके ऊपर धकेलना के कारण एक वक्त ऐसा आता है की बादल का घना रूप काफी बढ़ जाता है. एक समय के बाद, बदल इतना भारी हो जाता है कि वह आगे नहीं बढ़ पाता है, वह बादलों के बीच में फंसा रहता है.
एक समय के बाद, बादल की मॉइश्चर होल्ड करने की ताकत खत्म हो जाती है, और बादल वही फैट पड़ता है. यानी कि बादल से तेज बारिश आना शुरू हो जाता है. पहाड़ी ढलानों पर बारिश का पानी सीधा फिसल कर तेज फोर्स के साथ मैदान इलाकों में भर जाता है. और वहां पर रिस्की हालात पैदा हो जाते हैं. बारिश लगातार होती रहती है, और इस तरह से बाढ़ की हालात पैदा हो जाती है. बारिश लगातार होती रहे थे तो फ्लैश फ्लड गति बहुत बढ़ जाती है. फिर इसके रास्ते जो कुछ भी आता है, उसको अपने बेह या फिर उखाड़ के साथ ले जाता है. तो ऐसा होता हे cloudburst. आपको ये इन्फॉर्मेशन कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताना.
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